टीबी मुक्त अभियान | PM टीबी मुक्त देश | 100 दिन का महा अभियान

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत देश में टीबी की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के लिए 07 दिसम्बर को 100 दिन का एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है. भारत सरकार के इस कार्यक्रम का शुभारम्भ केंद्रीय मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने हरियाणा के पंचुकला से किया .

टीबी मुक्त अभियान | PM टीबी मुक्त देश :

हरियाणा के पंचकुला से कार्यक्रम की शुरुवात करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जयप्रकाश नड्डा ने कहा कि ” आज हम टीबी मुक्त अभियान कि शुरुवात कर रहे है . मै ये कहूँगा, एक तरीके से इस अभियान से एक नई गति मिलेगी. ये 100 दिन का कार्यक्रम है, इसके तहत 347 जिलों, जहाँ टीबी का प्रकोप ज्यादा है, वहां पर फोकस किया जायेगा. टेस्ट, ट्रीटमेंट के साथ अन्य जरुरी चीजों को इस अभियान के तहत किया जायेगा. टीबी मुक्त अभियान के ये 100 दिन मील का पत्थर साबित होंगे .

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत देश में टीबी की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के लिए 07 दिसम्बर को 100 दिन का एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है जिसे PM टीबी मुक्त देश नाम दिया गया है . इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री जयप्रकाश नड्डा ने निश्चय मित्रो और टीबी चैंपियन को भी सम्मानित किया.

Source DD News Mohfw Youtube

PM टीबी मुक्त देश |CM नायब सिंह सैनी ने टीबी मुक्त देश आह्वान किया :

भारत सरकार के 100 दिन के टीबी मुक्त अभियान के शुभारम्भ पर पंचकुला में हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी के कहा कि

मुझे ख़ुशी है कि हम देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक विशेष अभियान के साक्षी बन रहे है. यह भी ख़ुशी कि बात है कि इस अभियान की शुरुवात हरियाणा से हो रही है. हरियाणा निश्चय ही इस अभियान कि सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया है, वह अभूतपूर्व है। 10 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में विशेष पोषण अभियान, फिट इंडिया, खेलो इंडिया तथा योग जैसे सफल अभियान चलाए।”

हमें पता है कि बाकी दुनिया की तरह हरियाणा भी टीबी की बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य की जांच बढ़ाई जाएगी। जांच को जितना बढ़ाया गया, टीबी के उतने ही अधिक मामले सामने आए। हम जितना गहन परीक्षण करेंगे, उतने अधिक टीबी मरीज मिलेंगे।

PM टीबी मुक्त देश अभियान 33 राज्यों में लागू होगा :

देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में PM टीबी मुक्त अभियान लागू किया जायेगा. इसका मुख्य उद्देश्य देश में टीबी के मामलों का पता लगाना, निदान में होने वाली देरी को कम करना और उपचार के परिणामों को और बेहतर बनाना है.

टीबी मुक्त अभियान का उद्देश्य :

भारत सरकार की यह पहल टीबी मुक्त भारत के विचार के अनुरूप है जिसे PM मोदी ने 2018 दिल्ली एंड टीबी समिट में प्रस्तुत किया था. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश में टीबी के मामलों का पता लगाना, निदान में होने वाली देरी को कम करना और उपचार के परिणामों को और बेहतर बनाना है. यह देश में टीबी के परिणामों में असमानताओं को कम करने और टीबी उन्मूलन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है.

टीबी मुक्त भारत के 100 दिवसीय अभियान में क्या होगा :

इस 100 दिवसीय अभियान का उद्देश्य टीबी रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत वित्तीय सहायता में वृद्धि और सामाजिक सहायता पहल को बढ़ाना है.

अभियान के मुख्य फोकस क्षेत्र उन्नत निदान तक पहुंच बढ़ाना, कमज़ोर समूहों के बीच लक्षित जांच, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल और विस्तारित पोषण सहायता का प्रावधान हैं। इस पहल के अंतर्गत देश भर में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के विशाल नेटवर्क का लाभ भी लिया जायेगा, जिन्होंने टीबी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया है।

PM टीबी मुक्त देश अभियान की शुरुवात 9 सितम्बर 2022 में हुई :

देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने PM टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुवात 9 सितम्बर 2022 को की थी . इस अवसर पर राष्ट्रपति कार्यालय ने प्रेस रिलीज में कहा था कि

” राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज वर्चुअल रूप में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को उच्च प्राथमिकता देना तथा इस अभियान को जन-आंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है, क्योंकि टीबी हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक बीमारियों से सबसे अधिक मृत्यु का कारण है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विश्व की आबादी से 20 प्रतिशत से थोड़ा कम है लेकिन विश्व के कुल टीबी मरीजों का 25 प्रतिशत से अधिक है। यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि टीबी रोग से ग्रसित अधिकतर लोग समाज के गरीब वर्ग के हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ की सोच और कार्य पद्धति भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाना है। कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत ने विश्व के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है। विश्वास के साथ आगे बढ़ने की ‘न्यू इंडिया’ की नीति टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में भी दिख रही है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी। उन्हें बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है तथा सरकार इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए निःशुल्क सुविधा प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि कुछ रोगियों और समुदायों में इस बीमारी को लेकर हीन भावना है और लोग इस बीमारी को कलंक के रूप में देखते हैं। यह भ्रम दूर करना होगा। सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। किसी कारणवश जब किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचनी चाहिए, तभी टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की परिकल्पना सभी सामुदायिक हितधारकों को टीबी के इलाज में समर्थन देने और टीबी के उपचार की दिशा में देश की प्रगति में तेजी लाने के लिए की गई है।

इस वर्चुअल समारोह में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेश के राज्यपाल तथा उप-राज्यपाल, राज्य तथा जिला स्वास्थ्य प्रशासन के प्रतिनिधि एवं अन्य हितधारक उपस्थित थे। “

टीबी (क्षय रोग या तपेदिक ) क्या है :

  • टीबी क्या है : टीबी या क्षय या तपेदिक रोग ‘माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस’ नामक जीवाणु के कारण होता है.यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। टीबी एक  साध्य रोग है और समय पर इलाज लेने पर पूर्णतया ठीक हो सकता है
  • टीबी का संचरण: टीबी रोग हवा के द्वारा से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब ‘पल्मोनरी टीबी’ से पीड़ित कोई व्यक्ति छींकता, खाँसता या थूकता है, तो वह टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देता है और ये हवा के द्वारा फैलकर दुसरे व्यक्ति को ग्रसित कर सकते हैं.
  • टीबी के लक्षण: टीबी के सामान्य लक्षणों में बलगम, कई बार खून के साथ खाँसी और सीने में दर्द होना , कमज़ोरी, वज़न कम होना, बुखार और रात को पसीना आना आदि शामिल है।
  • टीबी का वैक्सीन: टीबी के इलाज के लिए उपयोग होने वाला टिका बैसिल कैलमेट-गुएरिन (BCG) है।

PM टीबी मुक्त भारत अभियान क्या है :

यह वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन की दिशा में देश की प्रगति में तेज़ी लाने के लिये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय  की एक पहल है। देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने PM टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुवात 9 सितम्बर 2022 को की थी.इसी दिशा में आगे बढते हुए हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत देश में टीबी की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के लिए 07 दिसम्बर को 100 दिन का एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है.

PM टीबी मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य क्या है :

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है

  • टीबी रोगियों के उपचार परिणामों में सुधार के लिये अतिरिक्त रोगी सहायता प्रदान करना।
  • वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने में जन समुदाय की भागीदारी बढ़ाना।
  • कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) गतिविधियों का लाभ उठाना।

PM टीबी मुक्त भारत अभियान के मुख्य घटक :

भारत के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) में निर्धारित वर्ष 2030 की अवधि से पाँच वर्ष पूर्व देश से वर्ष 2025 तक टीबी महामारी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भारत सरकार के टीबी उन्मूलन की दिशा में कई कार्यक्रम शुरू किये गए जिनमे प्रमुख है – क्षय रोग उन्मूलन (वर्ष 2017-2025), निक्षय पारिस्थितिकी तंत्र (राष्ट्रीय टीबी सूचना प्रणाली), निक्षय पोषण योजना- वित्तीय सहायता, टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान के लिये राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (NSP) आदि।

आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत टीबी उपचार पर जोर : सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत टीबी रोगियों के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है ताकि उचित निदान और उपचार सुनिश्चित किया जा सके।

  • नि-क्षय मित्र पहल: यह टीबी के इलाज के लिये अतिरिक्त निदान, पोषण और व्यावसायिक सहायता सुनिश्चित करता है।
  • नि-क्षय पोषण योजना: यह रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 500 रुपए की सहायता प्रदान करती है।
  • नि-क्षय डिजिटल पोर्टल: यह टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के लिये सामुदायिक सहायता के लिये एक मंच प्रदान करेगा।
  • नि-क्षय मित्र (दाता) सरकारी प्रयासों के पूरक के लिये टीबी के खिलाफ प्रतिक्रिया में तेज़ी लाने हेतु स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये (व्यक्तिगत दाता के लिये ), ब्लॉक/शहरी वार्डों/ज़िलों/राज्यों के स्तर पर सहायता करते हैं।

FAQ:

Q1. PM टीबी मुक्त अभियान की शुरुवात कब की गई ?

देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने PM टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुवात 9 सितम्बर 2022 को की थी.

Q2. नि-क्षय पोषण योजना के अंतर्गत टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से कितने रुपए की सहायता प्रदान की जाती है?

यह रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 500 रुपए की सहायता प्रदान करती है।

Q3.PM टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 100 दिवसीय कार्यक्रम कि शुरुवात कहाँ से कि गई?

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत देश में टीबी की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के लिए 07 दिसम्बर को 100 दिन का एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है. भारत सरकार के इस कार्यक्रम का शुभारम्भ केंद्रीय मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने हरियाणा के पंचुकला से किया

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