Delhi Air Quality: दिल्ली बनी गैस चैम्बर, AQI Delhi 450 के पार पहुंचा
देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र एक बार फिर घने कोहरे और धुंध की चपेट में है। कुछ स्थानों पर AQI 450 के खतरनाक स्तर को भी पार कर गया है जो मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। लोग दिल्ली की खुली हवा में घुटन महसूस कर रहे हैं।
Delhi Air Quality : दिल्ली बनी गैस चैम्बर:
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है| कुछ जगहों पर स्विस एप में AQI लेवल 1000 के पार पहुंच गया है | 18/11/2024 की शाम को दिल्ली के मुंडका इलाके में स्विस एप में AQI लेवल 1023 था, जो बेहद खतरनाक स्तर पर है |
दिल्ली में AQI 1023 के स्तर पर सांस लेना 49 सिगरेट पीने के बराबर है और लोग श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं |
दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश :
18/11/24 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर दिल्ली सरकार को निर्देश दिए और कहा कि कोर्ट से पूछे बिना GRAP 4 न हटाएं, भले AQI 300 से कम के स्तर पर आ जाये । कोर्ट ने GRAP को और सख्त करने का निर्देश दिया | विधालयों में कक्षा 1 से 5वीं तक ऑनलाइन कक्षाएं पहले से ही चल रही हैं, कोर्ट ने 6वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के साथ कॉलेज की कक्षाएं भी ऑनलाइन करने का निर्देश दिया।
AQI क्या है:
AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को मापने का एक तरीका है. 0 से 500 के बीच एक संख्या होती है जिससे गुणवता को जाना जाता है। हर देश का AQI वहां होने वाले प्रदूषण के आधार पर तय होता है. भारत सरकार द्वारा जारी AQI सूचकांक में “एक संख्या , एक रंग, एक विवरण” को शामिल किया गया है।
भारत में AQI लेवल PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO2, O3, NH3 और Pb आदि प्रदूषकों पर निर्भर करता है। इसे शहर में अलग-अलग जगहों पर स्थापित करके इन सभी चीजों के आधार पर वायु प्रदूषण की मैपिंग की जाती है और लोगों को स्वास्थ्य दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं।
AQI की छह श्रेणियां हैं:
- 0 से 50 तक अच्छा
- 51 से 100 संतोषजनक
- 101 से 200 मध्यम
- 201 से 300 खराब
- 301 से 400 बहुत खराब
- 401 से 500 गंभीर
- 300 से अधिक AQI स्तर को बेहद खतरनाक माना जाता है और ये स्तर बच्चो और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है ।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण:
- 1. खेतों में पराली जलाना: दिल्ली के आसपास के राज्यों विशेषकर पंजाब और हरियाणा और पाकिस्तान के खेतों में खरीफ की फसल के बाद पराली जलाने से निकलने वाला धुंआ दिल्ली तक पहुंचता है और हवा में विशेषकर PM 2.5 का लेवल बढाकर AQI स्तर को बढ़ाता है।
- 2. वाहन प्रदूषण: दिल्ली में 11 मिलियन से अधिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं और देश की राजधानी होने के कारण हजारों वाहन देश के अन्य राज्यों से प्रतिदिन आते जाते रहते हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण है। अधिक वाहनों की मौजूदगी के साथ ट्रैफिक जाम भी प्रदूषण बढ़ने का कारण है। बेहिसाब वाहनों ने दिल्ली में पार्किंग की समस्या भी पैदा कर दी है जिसके कारण शहर की भूमि का एक बड़ा हिस्सा पार्किंग में परिवर्तित हो गया है और हरियाली खत्म हो रही है |
- 3. औद्योगिक प्रदूषण: दिल्ली और आसपास के अन्य राज्यों में बड़े-बड़े उद्योग हैं जो प्रदूषण फैला रहे हैं।
- 4. सड़क की मिट्टी और निर्माण क्षेत्रों से उड़ने वाली धूल: दिल्ली की सड़कों पर फैली धूल और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में लगातार चल रहे निर्माण कार्य भी प्रदूषण बढ़ा रहे है।
- 5. सर्दी का मौसम: सर्दी के मौसम में भी प्रदूषण बढ़ता है। सर्दियों में हवा धीमी हो जाती है और प्रदूषण बढ़ जाता है।
दिल्ली में क्या पराली ही प्रदूषण का मुख्य कारण है ?
कई अध्ययनों के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण का एकमात्र कारण पराली नहीं है | पंजाब और हरियाणा में फसल बुवाई के समय अक्टूबर और नवंबर माह में कुछ स्थानों पर पराली जलाई जाती है लेकिन दिल्ली में खराब AQI की स्थिति फरवरी तक बनी रहती है | पंजाब और हरियाणा सरकार के प्रयासों से पराली जलाने की जगह धीरे-धीरे अन्य तरीके भी विकसित हो रहे हैं।
दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन प्रदूषण है:
दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन प्रदूषण है। दिल्ली में 11 मिलियन से अधिक वाहन चल रहे हैं और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी प्रदूषण बढ़ता है।
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव:
कितनी सिगरेट के बराबर धुआं पी रहा है दिल्लीवासी ?
वायु में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति से मनुष्य, पशु-पक्षियों आदि को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियाँ हो रही हैं। इसके कारण सर्दी, अंधापन, कमजोर श्रमण शक्ति, त्वचा रोग और साँस संबंधित बीमारियाँ होती हैं।
वायु प्रदूषण के कारण अम्ल बारिश का ख़तरा गहराता जा रहा है क्योंकि बारिश के साथ-साथ सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि जैसी जहरीली गैसों के घुलने की भी संभावना रहती है जो इंसानों के साथ-साथ प्रकृति को भी नुकसान पहुँचाती है।
WHO के मुताबिक, सांस संबंधी बीमारियों और अस्थमा से होने वाली मौतों के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है।
दिल्ली में AQI को नियंत्रित करने के लिए GRAP लागू:
दिल्ली सरकार ने AQI को नियंत्रित करने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं|
GRAP क्या है:
हवा में AQI के स्तरों के आधार पर GRAP को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इसे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान कहा जाता है, इसके आधार पर सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कुछ उपाय लागू करती है।
GRAP श्रेणी:
- स्टेज 1″ ख़राब (एक्यूआई 201 से 300)
स्टेज 2 “बहुत खराब (AQI 301 से 400)
स्टेज 3 “गंभीर” (AQI 401 से 450)
स्टेज 4 “गंभीर प्लस” (AQI 450 से अधिक)
GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 प्रतिबंध क्या हैं :
- दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा (आवश्यक सेवाओं के लिए ट्रकों का प्रवेश जारी रहेगा)।
- एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और आवश्यक सेवाएं ले जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
- इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी और बीएस-4 डीजल वाहनों के अलावा, दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी (केवल आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को अनुमति दी जाएगी)।
- दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 और इससे कम मानक वाले डीजल सामान और भारी वाहनों को चलाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
- हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, टेलीकम्युनिकेशन आदि निर्माण पर रोक । GRAP-3 के लिए निर्माण कार्य चल रहा है, इसमें एक साल और लगेगा।
- राज्य सरकार 6वीं कक्षा से 9वीं कक्षा तक और 11वीं कक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चला सकती है।
- NCR और राज्य सरकार अपने अधीन निगम और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को घर से काम करने का विकल्प दे सकते हैं ।
दिल्लीवासी क्या करें:
बाहरी गतिविधि कम से कम करें: जब तक ज़रूरत न हो, घर के अंदर ही रहें, खासकर सुबह और शाम को।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहन प्रदूषण है, इसलिए जनता को जितना संभव हो सके सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए।
मास्क पहनना: मास्क हानिकारक कणों को साँस के साथ अंदर जाने से रोकता है। घर से मास्क पहनकर ही बाहर निकलें।
वृक्षारोपण करे: अपने घर में और आसपास पेड़ लगाएँ।
सरकार के स्तर पर क्या प्रयास हों :
दिल्ली की प्रदूषण समस्या एक बहुत बड़ी समस्या है जिसके समाधान के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली राज्य सरकार और पड़ोसी राज्य सरकारों और दिल्ली के लोगों को मिलकर काम करना होगा।
सरकार कुछ उपाय कर सकती है:
1.हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना, ईवी वाहनों को अधिकतम सब्सिडी प्रदान कर EV वाहनों कि खरीद को प्रोत्साहित करना ।
2. उत्सर्जन नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू करें। बीएस-6 वाहनों को अनुमति दें. पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पॉलिसी का ठीक से पालन करें
3. अधिक से अधिक पेड़ लगायें
4. दिल्ली या आसपास के राज्यों में खेतों में पराली जलाने की बजाय अन्य वैज्ञानिक तरीकों से इसे खेती में उपयोगी बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
5.सार्वजनिक जागरूकता पैदा करके लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करना।
FAQ:
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Q1.दिल्ली के प्रदूषण कितना है ?
AQI 450 से अधिक
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Q2.GRAP 4 क्या है ?
AQI स्तर 450 पार पहुंचने पर GRAP स्टेज 4 लागू किया जाता है। इसमें सरकार प्रदुषण रोकने के लिए कुछ सख्त प्रतिबंध लगाती है । इसमें ईवी/सीएनजी/बीएस IV वाहनों के अलावा अन्य वाहनों पर प्रतिबंध, स्कूलों बंद कर ऑनलाइन क्लास चालू करना , निर्माण पर प्रतिबंध आदि भी शामिल हैं।
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Q3.दिल्ली प्रदूषण के लिए कौन जिम्मेदार है?
दिल्ली प्रदूषण के लिए वाहनों से होने वाला उत्सर्जन सबसे अधिक जिम्मेदार है।
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Q4.AQI का कितना लेवल खतरनाक है ?
300 से अधिक AQI खतरनाक है.
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Q5.भारत का सबसे प्रदूषित शहर कौन सा है?
नई दिल्ली
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Q6.GRAP का क्या मतलब है?
GRAP का मतलब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान है।
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Q7.दिल्ली प्रदूषित क्यों है?
20 मिलियन लोगों की आबादी के साथ बढती शहरी विकास और निर्माण गतिविधि के कारण होने वाला प्रदूषण एवं शहर के 11 मिलियन से अधिक वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।
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