अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार
मन हारकर मैदान नहीं जीते जाते, न मैदान जीतने से मन जीते जाते हैं |
मनुष्य को चाहिए कि वह परिस्थितियों से लड़ें, एक स्वप्न टूटे, तो दूसरा गढ़े |
इंसान बनो। केवल नाम से नहीं, रूप से नहीं, शक्ल से नहीं। हृदय से, बुद्धि से, संस्कार से, ज्ञान से |
जीतना और हारना जीवन का एक मुख्य हिस्सा है, जिसे हमें समानता के साथ देखना चाहिए
जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए।
जीवन एक फूल के समान है, इसे पूरी ताक़त के साथ खिलाओ।
आप मित्र बदल सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं |
– छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता।
अपना जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है। इन दोनों में समन्वय आवश्यक है।